Kumbh Mela 2019 Allahabad | Ardh kumbh mela in allahabad 2019

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Shahi Snaan 2016 in Ujjain -09 /05/2016



धर्म नगरी उज्जैन में आज 09 /05/2016 को अक्षय तृतीय तिथि का शाही स्नान सिंहस्थ महापर्व पर हैं , अक्षय अर्थात् जिसका कभी क्षय नही होता है ,
सनातन धर्म में आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है , आज सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ माना जाता है , भगवान विष्णु जी के छठे अवतार भगवान परशुरामजी का अवतरण दिवस भी आज है जिसे देश भर में ब्राह्मण देवता बडी धूमधाम से हर्षोउल्लास के रुप में मनाते है , चार धामों में से एक बाबा बद्री नाथ के कपाट आज ही खुलते है ,
वृन्दावन में बांके बिहारी मंदिर के श्री विग्रह के श्रीचरणों के दर्शन का शुभ दिन आज ही होता है , महाभारत युद्ध समाप्ति और द्वापर युग का समापन आज ही हुआ था , ऐसा विध्दवानों और संतो द्वारा कहा जाता है , कहा जाता है , माँ गंगा को धरती में लाने केलियेभागीरथ कि अनेकानेक पीडी ने कठौर तपस्या कि लेकिन माँ गंगा धरती पर नही आयी तपस्या करते करते उनकी पीडी समाप्त हो गयी , यहां जानते हुए भी कि माँ गंगा का धरती पर अवतरण संभव नही है , फिर भी भागीरथ ने हिम्मत नही हारी , उन्होंने प्रण किया जीवन में कुछ भी असंभव नही है या तो में माँ गंगा को धरती पर लाकर अपने पूर्वजों के संकल्प को पूर्ण करुंगा या उनकी ही भाँति अपनी जीवन लीला समाप्त कर लुँगा , भक्ति में आपार शक्ति होती है उसे चरितार्थ किया भागीरथ ने कहा जाता है माँ गंगा बहाव काफी तेज होता है , माँ गंगा के अवतरण से धरती पूर्ण जल मग्न हो सकती है , अतः भगवान शिव ने उन्हें माँ गंगा को आपनी जटा में स्थान दिया और फिर माँ गंगा ने धरती माता पर आज ही के दिन अवतरण लिये , माँ गंगा जिसे सनातन धर्म में पवित्र माना जाता है , जिसके कारण माँ गंगा के तट पर आने पर किनारों का भाग्य उदय हो गया मनुष्य पशु पक्षी के कंठ तर हो गये , धरती पर फसले लहलराने लगी , और तभी से यहा कहवत कहलाने लगी कि कठिन से कठिन काम भी पूर्ण होते है बस भागीरथी प्रयास करने होते है, आज ही के दिन किया गया कार्य अनंत गुना फल प्रदान करता है , इसलिए संतों कि वाणी आज हवन पूजन साधना और स्नान दान करने खरिददारी में सोना चा़ँदी या कुछ ना कुछ चाँदी का सिक्का या अन्य सामग्री कि खरिदी करने कि बात कही जाती है , अनंत गुना फल देने वाला शुभ पर्व हो माँ क्षिप्रा के तट पर संतो कि वाणी से धर्म प्रवाह हो ,
अमृत सिद्धि योग प्रातः 06 से रात्री 12 बजे तक बन रहा हो तो भला कैसे कोई धर्म नगरी में आना नही चाहेगा , अवश्य आये , यही तो हमारा धर्म है संस्कृति है जो हमें बुला रही है माँ क्षिप्रेश्वर के आँचल मे स्नान करने अपने आप को धन्य करने और अनंत गुना पुण्य प्राप्त करने के लिये ।
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